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Sad Shaayri: Wo bichhad ke hamase ye dooriyaan kar gaee


वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।

अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल, अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल, अब किसी दिलासे की जरूरत नही है, क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया है दिल।

होले होले कोई याद आया करता है,
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है,
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं,
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है।

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